वो लड़की अब पराई हो चुकी है : Wo ladki ab parai ho chuki hai | Best Potery by Manoj muntashir

दोस्तों Wo ladki ab parai ho chuki hai Poem भारतीय सिनेमा के बड़े गीतकार और कवि Manoj Muntashir द्वारा लिखी गयी एक बहुत ही शानदार और अद्भुत कविता है। यह कविता इंटरनेट की दुनिया में सबसे ज्यादा बार सर्च की जाने वाली और सुनी जाने वाली कविता भी है। यह उन सभी लोगों को समर्पित है जिनका प्यार अधूरा रहा है और वो सभी लोग जो कविता को विशेष प्रेम करते है। So enjoy this beautiful Wo ladki ab parai ho chuki hai Poem in hindi written By Manoj Muntashir.

wo ladki ab parai ho chuki hai lyrics in hindi
Agneepath Poem By Harivansh Rai Bachchan | Pic Credit : https://www.google.co.in

Wo Ladki Ab Parai Ho Chuki Hai Poem Lyrics in Hindi

यही तक थी मेरी उसकी कहानी
दहक कर हो चुकी है आग पानी
अधर में सारे सपने जा चुके है
निमत्रण पत्र छपने जा चुके है
बाजे बाजा, सगाई हो चुकी है
वो लड़की अब पराई हो चुकी है।।

ता ससुराल का सखियों ने पूछा
तो बोली वो महल जो सबसे ऊँचा
कोई इंजिनियर है वो सुना है
जो मुझसे हैसियत में दस गुना है
बड़ी कोठी है लम्बी कार भी है
किसी मंत्री का रिश्तेदार भी है
मेरी छोटी सी दुनिया में वो रहती
तो मेरे जैसे ही दुःख दर्द सहती
मिली हर चीज़ जो थी उसके काबिल
मै देता भी तो क्या, मामूली सा दिल
की दिल-वील से रिहाई हो चुकी है
वो लड़की अब पराई हो चुकी है।।

हथेली पर वो मेरा नाम लिखती
हजारो बार सुबहो शाम लिखती
कोई धुन गुनगुना के झूम लेती
वो अपने हाथ खुद ही चूम लेती
मगर इसमे तो कोई शक नही है
मोहब्बत मुफलिसों का हक नहीं है
वो ऊँगली जब मेरे हाथो से छुटी
पहन ली उसने हीरे की अंगूठी
हथेली वो पिया से जा जुडी है
सुना मेहँदी बड़ी गहरी चढ़ी है
बड़ी लम्बी जुदाई हो चुकी है
वो लड़की अब पराई हो चुकी है।।

मैं वो कातिल जो खुद को मार बैठा
मैं वो जुआरी जो बाज़ी हार बैठा
मेरे साँचे में तुम हरगिज ना ढलना
मेरे नक़्शे कदम पर तुम ना चलना
कोई हीरो कोई नायक नहीं हूँ मैं
किसी क़ाबिल किसी लायक नहीं हूँ मैं
ना मेरे गीत ना मेरी रुबाई
इन सब में कुछ नहीं रखा मेरे भाई
जो मिलता नहीं वो खोजता हूँ
मैं रो पड़ता हूँ जब भी सोचता हूँ
कि कितनी जग हंसाई हो चुकी है
वो लड़की अब पराई हो चुकी है।।

~ मनोज मुन्तशिर

Wo ladki ab parai ho chuki hai best potery by Manoj muntashir
Wo ladki ab parai ho chuki hai best potery by Manoj muntashir

Wo Ladki Ab Parai Ho Chuki Hai Poem Lyrics in English

Yahi tak thi meri uski kahani
Dahak kar ho chuki hai aag pani
Adhar me sare sapane ja chuke hai
Nimantran patra chhapane ja chuke hai
Baje Baaja, sagai ho chuki hai
Wo ladki ab parai ho chuki hai

pata sasural ka sakhiyo ne puchha
To boli wo mahal jo sabse uncha
Koi engineer hai wo suna hai
Jo mujhse haisiyat me das guna hai
Badi kothi hai lambi car bhi hai
Kisi mantri ka ristedar bhi hai
Meri chhoti si duniya me wo rahati
To mere jaise hi dukh dard sahati
Mili har cheez jo thi uske qabil
mai deta bi to kya, mamooli sa dil
ki dil-wil se rihayi ho chuki hai
Wo ladki ab parai ho chuki hai

hatheli par wo mera nam likhati
Hajaro baar, subah-sham likhati
Koi dhun gungana ke jhoom leti
Wo apane hath khud hi choom leti
Magar esme to koi shak nahi hai
Mohbbat muflison ka haq nahi hai
Wo ungli jab mere hathon se chhuti
Pahan li usne heere ki angoothi
Hatheli wo piya se jaa judi hai
Suna mehndi badi gahari chadi hai
Badi lambi judai ho chuki hai
Wo ladki ab parai ho chuki hai

Main wo katil jo khud ko maar baitha
Main wo juwari jo bazi haar baitha
Mere sanche me hargij tum na Dhalna
Mere nakshe kadam par tum na chalna
Koi hero koi nayak nhi hun main
Kisi kabil kisi layak nhi hun main
Na mere geet meri rubai hai
In sab me kuch nhi rakha mere bhai
Jo milta nhi wo khojta hun
Main ro padhta hu jab bhi sochta hun
Ki kitni jag hansai ho chuki hai
Wo ladki ab parai ho chuki hai.

 

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